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नेपाल में विरोध प्रदर्शन

नेपाल में भारी विरोध प्रदर्शन: जानें क्यों और अब तक क्या हुआ

आख़िर आपको पता है कि नेपाल में हो रहे विरोध प्रदर्शन की असल क्या सच्चाई है? जैसा कि आपको पता है कि नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शन ने पूरे देश की स्थिति को हिला कर रख दिया है और इसकी शुरुआत अचानक नहीं, बल्कि लोगों के अंदर का गुस्सा अब एकसाथ निकल रहा है और इसके शुरुआत के पीछे वहां के युवा हैं जिनको 'Gen Z क्रांति' की पहचान दी गई है।

इस विरोध प्रदर्शन के पीछे के मुख्य कारण:

भ्रष्टाचार और असमानता: इस विरोध प्रदर्शन की असल बात यह है कि नेपाल के नेता और उनके परिवार अमीर और अमीर होते जा रहे हैं, लेकिन वहां की जनता की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। वहां के नेता-परिवार के लोग विदेशों में जाते हैं, एक महंगी गाड़ियों में घूमते हैं और अपनी ज़िंदगी ऐशो-आराम से काट रहे हैं, लेकिन वहां की जनता के पास न अच्छी नौकरी है और न ज़िंदगी का गुज़ारा करने के लिए कोई पैसे का तरीका है। लोग नेपाल की सरकार से तंग आ चुके हैं और अपना गुस्सा सोशल मीडिया के ज़रिए बाहर निकाल रहे हैं, जिसके कारण वहां पर विरोध शुरू हो गया है।

बेरोजगारी: इस विरोध का एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग स्कूल और कॉलेज पास करने के बाद भी उनको कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही, जिसके कारण लोगों को अपना देश छोड़कर दूसरे देशों में रोजगार की तलाश में जाना पड़ता है, जैसे भारत। इस दुःख के कारण वे सड़क पर उतरकर विरोध करने के लिए मजबूर हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर बैन: नेपाल की सबसे बड़ी ख़बर सुनने में आई है कि नेपाल देश में सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिए हैं। यह मात्र एक ऐसा ज़रिया था जिसके ज़रिए वहां के बहुत से बच्चे अपनी पढ़ाई कर रहे थे और लोगों का एक रोजगार का साधन था। इसको बंद करने के पीछे सरकार का कहना था कि यह प्लेटफॉर्म उनके देश के कानून का पालन नहीं कर रहे हैं। अब सरकार के इस बड़े कदम से लोगों को विरोध करने के लिए मजबूर किया है।

अब तक के बड़े अपडेट्स:

प्रधानमंत्री का इस्तीफा: लोगों का विरोध इतना भयंकर है कि उनके डर के कारण वहां के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उनके कुछ साथियों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर भाग गए हैं। यह इस विरोध प्रदर्शन की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।

हिंसा और तोड़फोड़: लोगों के मन के अंदर इतना गुस्सा भरा हुआ है कि उन्होंने राजधानी काठमांडू में संसद भवन, सरकारी इमारतों और प्रधानमंत्री आवास में आग लगा दी, जिसके कारण बहुत से लोग घायल हो गए और अब तक 30 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हो चुके हैं।

सेना की तैनाती और कर्फ्यू: इस स्थिति को हाथ से निकलते देख सरकार के आदेश पर पुलिस ने बहुत से शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है, मतलब बिलकुल बंद कर दिए हैं ताकि लोगों को इस विरोध में शामिल होने से रोका जा सके।

नेपाल-भारत सीमा पर सुरक्षा: इस विरोध की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि कोई घटना भारत में न हो जाए।

इस हालात को देखते हुए कुछ भी कहना असंभव है कि आगे हालात सुधरेंगे या फिर और ज़्यादा ख़राब हो जाएंगे और नया प्रधानमंत्री इस विरोध के लिए क्या कदम उठाता है।

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